राष्ट्रीय किसान दिवस
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त,
जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं,
क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये,
खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जो कि किसान थे और किसानो की धड़कन कहे जाते थे | उनके जन्म दिवस को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता हैं |
सुनने में कई लोगो को अजीब लगता हैं कि किसान दिवस की क्या आवश्यक्ता हैं लेकिन इस बात को एक जश्न में रूप में ना देखे | सभी महत्वपूर्ण दिवस हमारा उस तरफ ध्यान ले जाने के लिए बनाये जाते हैं | देश के युवा एवम महानगर निवासी अपनी निजी जिन्दगी में इस तरह व्यस्त हैं कि उन्हें देश की स्थिती का भान ही नहीं हैं |वे यह बात समझ ही नहीं पा रहे हैं कि देश किस तरह से कृषि पर निर्भर करता हैं ? कैसे किसान की जिन्दगी उनके लिए भी महत्वपूर्ण हैं ? यह सभी बाते समझने एवम उन पर विचार करने के लिए आज के युवा के पास समय ही नहीं हैं ऐसे में किसान दिवस उन्हें यह सोचने पर मजबूर करता हैं और शायद केवल इस एक दिन के कारण देश का ध्यान इस ओर जाता हैं |
दूसरा दृष्टिकोण उन किसानो के लिए हैं जो अपने आपको निसहाय महसूस कर रहे हैं | कहीं न कहीं किसान दिवस उनमे एक उम्मीद का दीपक जलाता हैं | उन्हें यह अहसाह होता हैं कि वे अकेले नहीं हैं | देश उनके साथ खड़ा हैं |
किसान दिवस के दिन हर एक व्यक्ति को यह सोचना चाहिये कि देश केवल स्वहित से ही आगे नहीं बढ़ सकता | देश के विकास के लिए नींव का मजबूत होना जरुरी हैं इसलिए सभी देश वासियों को किसान की स्थिती बेहतर करने के लिये अपना योगदान देना चाहिए और किसान परिवार को भी अपने आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करने का प्राण लेना चाहिये |
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त,
जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं,
क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये,
खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जो कि किसान थे और किसानो की धड़कन कहे जाते थे | उनके जन्म दिवस को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता हैं |
सुनने में कई लोगो को अजीब लगता हैं कि किसान दिवस की क्या आवश्यक्ता हैं लेकिन इस बात को एक जश्न में रूप में ना देखे | सभी महत्वपूर्ण दिवस हमारा उस तरफ ध्यान ले जाने के लिए बनाये जाते हैं | देश के युवा एवम महानगर निवासी अपनी निजी जिन्दगी में इस तरह व्यस्त हैं कि उन्हें देश की स्थिती का भान ही नहीं हैं |वे यह बात समझ ही नहीं पा रहे हैं कि देश किस तरह से कृषि पर निर्भर करता हैं ? कैसे किसान की जिन्दगी उनके लिए भी महत्वपूर्ण हैं ? यह सभी बाते समझने एवम उन पर विचार करने के लिए आज के युवा के पास समय ही नहीं हैं ऐसे में किसान दिवस उन्हें यह सोचने पर मजबूर करता हैं और शायद केवल इस एक दिन के कारण देश का ध्यान इस ओर जाता हैं |
दूसरा दृष्टिकोण उन किसानो के लिए हैं जो अपने आपको निसहाय महसूस कर रहे हैं | कहीं न कहीं किसान दिवस उनमे एक उम्मीद का दीपक जलाता हैं | उन्हें यह अहसाह होता हैं कि वे अकेले नहीं हैं | देश उनके साथ खड़ा हैं |
किसान दिवस के दिन हर एक व्यक्ति को यह सोचना चाहिये कि देश केवल स्वहित से ही आगे नहीं बढ़ सकता | देश के विकास के लिए नींव का मजबूत होना जरुरी हैं इसलिए सभी देश वासियों को किसान की स्थिती बेहतर करने के लिये अपना योगदान देना चाहिए और किसान परिवार को भी अपने आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करने का प्राण लेना चाहिये |
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